रंजन कुमार
सासाराम।।कहावत है कि प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह सात समंदर पार से भी लोगों को खींच लाती हैं। रोहतास जिला के इंद्रपुरी के शंकरपुर गांव का रहने वाला अरविंद को बुलगारीया के सोफिया शहर की रहने वाली याना एनचेंवा स्टेकोवा नामक युवती से प्रेम हो गया तथा दोनों ने भारत आकर हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। एक रिपोर्ट:-
यह जो धूम धडाका है। यह कोई आम शादी या बारात नहीं है। ये दो देशों के प्रेमी-युगल के आपसी मिलन का गवाह है। रोहताश के डेहरी के रहने वाले अरविंद कुमार सिंह का मोरक्को में अपना व्यवसाय हैं। इसी दौरान उनकी मुलाकात बुलगाड़ियां की याना से हुई तथा देखते ही देखते दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे। बात शादी तक पहुंची, तो अरविंद ने अपने संस्कार तथा सभ्यता की दुहाई दी। अरविंद पूरी वैवाहिक प्रक्रिया पारंपरिक रीति-रिवाज से अपने गांव मे करना चाहा तो प्रेमिका भी मान गई। विदेशी प्रेमिका अपने पूरे परिवार के साथ बुल्गारिया से साढ़े पांच हज़ार किलोमीटर की दूरी तय कर रोहतास के डेहरी आई और शादी की। अरविंद के पिता आदित्य सिंह ने अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी समझी।वे समाज की तमाम दकियानूसी रिवायतों को छोड़ धूमधाम से पूरे पारंपरिक रीतिरिवाज से दोनों की शादी कराई। एक तरफ जहां छोटी-छोटी बातों पर लोग आपस में बट रहे हैं। वही प्रेम ही है ऐसी रिवायत है, जो दो देशों को भी जोड़ रही है। हमारे संस्कृति में कही गई है कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ अर्थात पूरा संसार अपना कुटुंब है। ऐसे में दो देशों की दूरी प्रेम करने वाले को कहां रोक सकती है? अरविंद और याना एनचेवा स्टकोवा ने अपने प्रेम को विवाह में बदल कर दो देशों के बीच रिश्ते से मजबूत किया है।